
इस्लामाबाद । समय पर बुकिंग और भुगतान नहीं करने के चलते 67 हजार जायरीन इस साल हज के लिए सऊदी अरब नहीं जा पाएंगे। इन आवेदनों को अस्वीकार करने का मुख्य कारण सऊदी प्राधिकारियों को समय पर बुकिंग और भुगतान न करना था। रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब ने इस वर्ष पाकिस्तान के लिए 1,79,210 तीर्थयात्रियों का कोटा आवंटित किया था, जिसमें सरकारी और निजी टूर आयोजकों के लिए 89,605 संख्या तय की गई। हालांकि प्राइवेट स्कीम के तहत केवल 14,000 आवेदन ही स्वीकार किए गए। प्रधानमंत्री शरीफ ने निजी हज कोटे में कटौती की तत्काल जांच के निर्देश दिए, जिसकी वजह से हजारों पाकिस्तानी तीर्थयात्री 2025 में हज यात्रा पर नहीं जा पाएंगे। जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री ने निजी हज कोटा हासिल करने में नाकामी के जिम्मेदार लोगों की पहचान करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। कैबिनेट प्रभाग के सचिव की अध्यक्षता वाली समिति में संघीय राजस्व बोर्ड (एफबीआर) के अध्यक्ष और गिलगित-बाल्टिस्तान के संघीय सचिव शामिल हैं। समिति को तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का काम सौंपा गया है। रिपोर्ट में निजी हज कोटा प्राप्त करने में सरकार की नाकामी के पीछे के कारणों का विवरण दिया जाएगा और इस चूक के लिए जिम्मेदारी तय की जाएगी। हज आयोजकों ने दावा किया कि उन्होंने 67,000 तीर्थयात्रियों के लिए बुकिंग की थी और इसके लिए सऊदी अरब को 7 मिलियन सऊदी रियाल भेजे थे। हालांकि, समझौतों और भुगतानों को अंतिम रूप देने में देरी के कारण सऊदी प्राधिकारियों ने उनके आवेदन खारिज कर दिए, जिससे हजारों लोगों को हज करने का मौका नहीं मिल सका। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी सरकार के विशेष अनुरोध पर सऊदी अरब ने अतिरिक्त 10,000 कोटे को मंजूरी दी। हालांकि यह अभी भी सभी आवेदकों को शामिल करने के लिए अपर्याप्त है, जिसके परिणामस्वरूप 67,000 पाकिस्तानी तीर्थयात्री इससे बाहर हो गए। हज आयोजकों ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से इस मामले में हस्तक्षेप करने और समस्या को सुलझाने में मदद करने की अपील की है।