
पटना, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने आज़ादी के करोड़ों मतवालों, दीवाने देशभक्तों, असंख्य शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों का घोर अपमान किया है। यादव ने बुधवार को मीडिया में बयान जारी कर कहा, ‘आरएएसएस प्रमुख भागवत का अब बस यही कहना कि ‘दलितों-पिछड़ों का आरक्षण खत्म होगा तभी देश को असल मायनों में आजादी मिलेगी’। उनके इस कथन से कि देश को असल स्वतंत्रता 2024 में ही मिली है। आरएसएस प्रमुख ने आज़ादी के करोड़ों मतवालों, दीवाने देशभक्तों, असंख्य शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों का घोर अपमान किया है। संघ के लोगों का स्वतंत्रता संग्राम में अपना कोई योगदान नहीं था इसलिए ये अब बाकियों के योगदान को खत्म करने के नए प्रपंच रच रहे हैं। इनका संगठन तो स्वयं अंग्रेजों का दलाल और मुख़बिर रहा है।’ राजद नेता ने कहा, ‘दलितों-पिछड़ों, मेहनतकश एवं कृषक वर्गों के ऐतिहासिक योगदान को कमतर करना ही आरएसएस का हमेशा से उद्देश्य रहा है। मोहन भागवत जी, देश गुलामी की तरफ़ अग्रसर है क्योंकि डॉलर के मुकाबले रुपया सर्वकालिक निम्नस्तर पर है, उस पर ध्यान दीजीये।’यादव ने भागवत से पूछा कि देश के बहुसंख्यक दलितों-पिछड़ों को असल आजादी कब मिलेगी। दलित-पिछड़ा से घृणा करने वाले 100 वर्ष पुराने संगठन आरएसएस के कर्ता-धर्ता बताए कि आज तक कोई दलित पिछड़ा आरएसएस का प्रमुख क्यों नहीं बना। महिला आरएसएस प्रमुख क्यों नहीं बनी? जातिगत जनगणना कब होगी। दलितों-पिछड़ों का आरक्षण उनकी आबादी के अनुपात में कब बढ़ेगा।