
सीबीआई और ईडी दोनों के प्रत्यर्पण के लिए कानूनी कार्रवाई में जुटी
नई दिल्ली । भारत में अपराध कर विदेश भागने वाले अपराधियों का समय मोदी सरकार में ठीक नहीं चल रहा है। बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपये डकारकर ब्रिटेन भागे विजय माल्या पर पहले से ही भारत प्रत्यर्पण की तलवार लटकी हुई है। अब पंजाब नेशनल बैंक को 13500 करोड़ रुपये का चूना लगाने वाला मेहुल चौकसी भी बेल्जियम में पुलिस के हत्थे चढ गया है। माल्या और चौकसी ने भारतीय बैंकों को कुल मिलाकर 22500 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। माल्या जहां ब्रिटेन में कानूनी लड़ाई लड़ रहा है, वहीं चोकसी बार-बार देश बदलकर जांच एजेंसियों को गुमराह कर रहा था। हालांकि आखिरकार वह खुद ही उस देश में पहुंच गया, जहां से भगौड़े चौकसी को भारत लाना काफी आसान माना जा रहा है। बेल्जियम की एक अस्पताल से गिरफ्तारी के बाद अब चोकसी भारतीय एजेंसियों की पकड़ में आ सकता है। घोटाले का खुलासा होने से पहले ही चौकसी 2017 में भारत छोड़ भाग गया और 2018 में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली। सीबीआई और ईडी ने चोकसी और नीरव मोदी दोनों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज किया। घोटाले से बैंक को हुए नुकसान की भरपाई के लिए चोकसी की 2,500 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त कर ली गई है। वहीं भगौड़े माल्या के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया 2016 से चल रही है। भारत सरकार ने उनके खिलाफ 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में प्रत्यर्पण की मांग ब्रिटेन सरकार से की है। ब्रिटिश अदालत ने 2018 में माल्या के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। और 2019 में ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने भी इस पर सहमति जता दी है। कानूनी जटिलताओं और माल्या की अपीलों के कारण अभी तक भारत नहीं लाया जा सका है। 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को अवमानना मामले में चार महीने की सजा सुनाई, जिससे भारत का पक्ष मजबूत हुआ। माल्या अभी भी ब्रिटेन में हैं।