” प्रगतिशील देशों की विधायिकाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत से भी कम, उ0प्र0 विधानसभा में यह 14 से 15 प्रतिशत “

लखनऊ : 08 जनवरी, 2025
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद कानपुर नगर में कॉमनवेल्थ पार्लियामेन्ट्री एसोसिएशन भारत क्षेत्र (जोन-1) (उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड) के अन्तर्गत आयोजित उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड विधान मण्डल की माननीय महिला सदस्यों के सम्मेलन को सम्बोधित किया। उन्होंने इस सम्मेलन के कानपुर में आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना को धन्यवाद देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा विगत ढाई-तीन वर्षों से अपने इनोवेशन के लिए जानी जा रही है। ई-विधान को लागू करने वाली देश की विधानसभाओं में प्रदेश की विधानसभा पहले स्थान पर है। विधानसभा में ई-विधान को सफलतापूर्वक लागू कर पेपरलेस विधानसभा की दिशा में कार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा में हम लोग दलीय प्रतिबद्धता से जुड़े होते हैं। जब अलग-अलग फील्ड जैसे अधिवक्ता, चिकित्सक, अभियन्ता, मानविकी, साइंस, सामाजिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का अनुभव रखने वाले लोग एक साथ बैठते हैं, तो दलीय प्रतिबद्धता से ऊपर उठकर समाज तथा देश के बारे में ही सोचते हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा में इस कार्य को आगे बढ़ाया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने उत्तराखण्ड विधानसभा की अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूरी भूषण का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने यहां अपनी बात को बहुत प्रभावी ढंग से रखा। इनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि राष्ट्रभूमि के प्रति समर्पण के लिए जानी जाती है। इनके पिता उत्तराखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं व भारतीय सेना के जनरल के रूप में देश को महत्वपूर्ण सेवा प्रदान की। देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर का कार्य किस प्रकार किया जाता है, सड़क एवं परिवहन मंत्री के रूप में उन्होंने देश को नई दिशा दी। उससे पूर्व इस परिवार का सम्बन्ध उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 हेमवती नन्दन बहुगुणा से भी रहा है, जिन्होंने एक महत्वपूर्ण कालखण्ड में उत्तर प्रदेश को नेतृत्व प्रदान किया था। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री के रूप में भी अपना योगदान दिया। सार्वजनिक जीवन में किस प्रकार कार्य किया जाना है, हम स्वयं को कार्यों के माध्यम से कैसे एक्स्पोजर दे सकते हैं, इस सम्बन्ध में श्रीमती खंडूरी के पास अद्भुत विरासत है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना ने कहा कि आज आवश्यकता है कि विधायिका में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो, उनकी प्रभावी उपस्थिति हो, उनके द्वारा समाज में बेहतर संदेश दिया जाये और इसका विस्तार सुनिश्चित हो। महिला सशक्तिकरण के क्रम में ही आज उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड की महिला विधायकों का सम्मेलन आयोजित किया गया है। पूरी दुनिया उत्तर प्रदेश का बदलता स्वरूप देख रही है। इसमें महिला विधायकों का महत्वपूर्ण योगदान है। यह सम्मेलन पूरे देश में यह संदेश देगा कि अन्य राज्यों को भी ऐसे सम्मेलनों का आयोजन करना चाहिये।